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स्वास्थ्य

मूलभूत चिकत्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओ का विवरण जनपद जालौन
क्र0स0 पद  नाम अधिकारी का नाम मो0न0
1 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 उषा सिंह 8005192664, 7905254554
2 अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0बी0एम0खैर 8005193549
3 अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 सत्य प्रकाश 9454164577

स्वास्थ्य विभाग जनपद जालौन द्वारा संचालित योजनायें

  1. जननी सुरक्षा योजना-

    इस योजना के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं का त्वरित निःशुल्क पंजीकरण ए0एन0सी0 सुविधा, तथा संस्थागत प्रसव को बढावा दिया जाता है जिसके लिए प्रत्येक गर्भवती महिला को संस्थागत प्रसव कराने पर रू0 1400/- ग्रामीण क्षेत्र तथा 1000 शहरी क्षेत्र का भुगतान, आशा को 600 रू0 विभिन्न कार्यो के सम्पादन के उपरान्त नियमानुसार दिया जाता है। बी.पी.एल श्रेणियों के लाभार्थियों को घरेलु प्रसव होने की दशा में 500 रु0 का भुगतान पी.एफ.एम.एस के माध्ययम से लाभार्थियों के बैक खाते में सीधे किया जाता है।

  2. जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम-

    इस योजना के अन्तर्गत लाभार्थी महिला को निम्न सुविधायें निशुल्क उपलब्ध हैं- जैसे- निःशुल्क भोजन, जाचें, उपचार, आवागमन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन (परिवार के सदस्य द्वारा दिया जायेगा)।

  3.  राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम-

    ग्रामीण क्षेत्रों के 0 से 19 वर्ष आयु के समस्त बच्चों को निःशुल्क नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार तथा सन्दर्भ की सुविधा से आच्छादित किया जाता है। जिसके लिये सभी विद्यालयों तथा आगनवाडी केन्द्रों में समर्पित चिकित्सीय दल (दो चिकित्साधिकारी, एक पैरामेडिकल तथा एक नर्सिग स्टाफ) पूर्व निर्धारित तिथि में माइक्रोप्लान के अनुसार विद्यालय आगनवाडी केन्द्रों में जाकर बच्चों का चिकित्सा परीक्षण करते है। इसके उपरान्त गभीर रुप से बिमार/जन्मजात दोष वाले बच्चों को उच्च सन्दर्भ इकाईयों को उपचार के लिए रिफर किया जाता है। सप्ताह के प्रत्येक शनिवार को सभी उच्च सन्दर्भ इकाईयों में चिकित्सीय दल बच्चो को उपचार/सर्जरी के लिए लेकर जाता है।

  4. नियमित टीकाकरण-  इस कार्यक्रम के अन्तर्गत 0-5 वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क बी0सी0जी0, डी0पी0टी0, ओपी0वी0, मीजिल्स, हैपेटाइटिस के टीके 8 जानलेवा बीमारियों से प्रतिरक्षित करने के लिए नियत कार्य दिवस प्रत्येक सप्ताह के बुद्धवार तथा शनिवार को टीकाकरण सत्र का आयोजन किया जाता है।
  5. परिवार कल्याण कार्यक्रम-

    बढ़ती हुई जनसंख्या को नियत्रित करने के लिए परिवार कल्याण कार्यक्रम जनपद में संचालित है इस कार्यक्रम के अन्तर्गत पुरूष नसबन्दी (एन.एस.वी.) करवाने वाले लाभार्थी को रू0 3000/- की धनराशि तथा महिला नसबन्दी के लाभार्थी को रू0 2000/- की धनराशि देय है। अस्थाई गर्भनिरोधक विधियों के अन्तर्गत कण्डोम, गर्भनिरोधक गोली, कापरटी, छाया (साप्ताहिक पिल्स), अन्तरा (इन्जेक्टिबल त्रेमासिक) की सुविधा निःशुल्क समस्त सरकारी चिकित्सालयों में उपलब्ध है।

  6. राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम-

    इस कार्यक्रम के अन्तर्गत टी0वी0 के मरीजों की जांच एवं सम्पूर्ण उपचार निःशुल्क प्रदान किया जाता है।

  7.  राष्ट्रीय अन्धता निवारण कार्यक्रम-

    इस कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद में मोतियाबिन्द के मरीजों के आपरेशन आई0ओ0एल0 विधि से सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से कराये जाते है। स्कूल आई स्की्रनिंग कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद पर तैनात नेत्र परीक्षण सहायक (ओ0ए0) द्वारा 8 वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों का नेत्र परीक्षण कराना तथा दृष्टि दोष से ग्रसित पाये जाने वाले बच्चों को जांच नम्बर के निःशुल्क चश्मे उपलब्ध कराये जाते हैं।

  8. राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण कार्यक्रम-

    इस कार्यक्रम के अन्तर्गत कुष्ठ रोगियों की जांच एवं सम्पूर्ण उपचार निःशुल्क है। कुष्ठ रोग से प्रभावित मरीज को सरकार के द्वारा अर्थिक सहयोग भी प्रदान किया जाता है तथा विकलांग मरीज को शासन द्वारा पेंशन प्रस्तावित है।

  9. वैक्टर बार्न डिसीज नियंत्रण कार्यक्रम-

    योजनान्तर्गत जनसमुदाय में मलेरिया, डेंगू, फाईलेरिया रोगों के प्रति जागरूक कर रोगों से बचाव हेतु प्रयास करना। इसके अन्तर्गत सभी पी0एच0सी0/सी0एच0सी0 पर खून की जांच एवं उपचार की निःशुल्क व्यवस्था है।

  10.  मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष (राज्य आरोग्य निधि)

    इसके अन्तर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले गम्भीर बीमारियों से पीडित मरीजों को आर्थिक सहायता रू0. 150000/- प्रदान की जाती है।.शुल्क प्रदान किया जाता है।

  11.  समाजवादी एम्बुलेन्स सेवा (108 एम्बुलेंस)-

    यह पूर्णरूपेण निःशुल्क सेवा है, किसी भी चिकित्सीय आकस्मिकता की स्थिति में 108 टालफ्री नम्बर पर काल करें। लाभार्थी को नजदीकी राजकीय स्वास्थ्य इकाई तक ले जाना तथा आवश्यकता पड़ने पर उच्च इकाई तक पहुचाने की निशुल्क व्यवस्था है।

  12. 102 एम्बुलेंस सेवायें-

    यह पूर्णरूपेण निःशुल्क सेवा है। गर्भवती महिलाओं, एक वर्ष तक के बीमार बच्चों एवं नसबन्दी लाथार्थियों को 102 टाॅलफ्री नम्बर डायल करने पर नजदीकी राजकीय अस्पताल ले जाना तथा अस्पताल से वापस घर छोड़ने की निशुल्क सुविधा प्रदान की जाती है।

  13.  प्रधानमत्री मातृ वन्दना योजना कार्याक्रम रिर्पोटः-

    किसी भी महिला के पहली बार गर्भवती होने पर सरकार उसकी देखभाल के लिए महिला को अच्छा स्वास्य एवं सही खान-पान देने के लिए सरकार द्वारा तीन किस्तों में कुल 5000/- की कुल सहायता राशि दी जा रही है।

  14. राष्ट्रीय कैंसर, हृदय रोगं, मधुमेह एवं स्ट्रोक नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम प्रगति रिर्पोट अगस्त 2018:-

    भारत सरकार द्वारा असंक्रामक रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिये वर्ष 2010-11 में राष्ट्रीय कैंसर, हृदय रोगं, मधुमेह एवं स्ट्रोक नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस) एवं राष्ट्रीय वृद्धजन स्वास्थ्य सेवा कार्यकम प्रारम्भ किया गया। जनपद में यह कार्यक्रम वर्ष 2013-14 में प्रारम्भ किया गयां।

  15.  राष्ट्रीय तम्बाकू नियत्रण कार्यक्रम प्रगति माह अगस्त 2018-

    भारत सरकार ने मई 2003 को राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कानून पारित किया गया जिसे (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन प्रदाय और वितरण का विनियमन) “सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम” नाम दिया गया। भारत ने फ़रवरी 2004 में तंबाकू नियंत्रण हेतु “डब्ल्यूएचओ.एफसीटीसी” डब्ल्यूएचओ-फ्रेमवर्क के समझौते की पुष्टि की हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालयए भारत सरकार ने तंबाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन को सुविधाजनक बनानेए तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता प्रसारित करने के साथ-साथ डब्ल्यूएचओ-एफसीटीसी के दायित्वों को पूरा करने के लिए 42 जिलों/देश के 21 राज्यों और संघ शासित राज्यों में वर्ष 2007-08 में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) का शुभारंभ किया जनपद में यह कार्यक्रम वर्ष 2015-16 में प्रारम्भ किया गया।

  16. मेन्टल हेल्थ कार्यक्रम अगस्त 2018-

    गंभीर मानसिक विकारों में सिजोफ्रेनियाए बाई पोलर विकार आर्गेनिक साइकोसिस और गहन अवसाद से 1000 की जनसंख्या में 20 व्यीक्तिर पीड़ित हैं। इस जनसंख्या के लिए निरंतर इलाज और नियमित ध्यान देने की आवश्यकता होती है। देश में लगभग एक करोड़ लोग मानसिक रूप से बीमार हैं जिन्हें उचित इलाज नहीं मिलता है। आधे से अधिक का कभी इलाज ही नहीं होता। इसके लिए इलाज की उपलब्धकता और इलाज के फायदे की जानकारी न होना महत्वपूर्ण कारण है। एक तरफ देश की विशाल जनसंख्या दूसरी तरफ मनोचिकित्सकों की कम संख्या हर तीन लाख जनसंख्या पर एक मनोचिकित्सक उपलब्ध है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां 70 प्रतिशत जनसंख्या रहती है मनोचिकित्सक जनसंख्या का अनुपात दस लाख पर एक से भी कम हो सकता है। जनपद में यह कार्यक्रम वर्ष 2017 में प्रारम्भ किया गया।

  17. आयुष्मान भारतः-

    इस योजना को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भी कहा जाता है । यह वास्तव में हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम (पी.एम.-जे.ए.वाई. )के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध होगा / आयुष्मान भारत योजना ए.बी.वाई. का लक्ष्य गरीब, उपेक्षित परिवार और शहरी गरीब लोगों के परिवारों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना चाहती है. सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (एस.इ.सी.सी.) 2011 के हिसाब से ग्रामीण इलाके के 8.03 करोड़ परिवार और शहरी इलाके के 2.33 करोड़ परिवार आयुष्मान भारत योजना (ए.बी.वाई.)के दायरे में आयेंगे इस तरह पी.एम.-जे.ए.वाई. के दायरे में 50 करोड़ लोग आएंगे. आयुष्मान भारत योजना (ए.बी.आई.) में हर परिवार को सालाना पांच लाख रुपये का मेडिकल इंश्योरेंस मिलेगा. सभी सरकारी अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना (ए.बी.आई.) के लाभार्थी इलाज करा सकते हैं. इसके साथ ही सरकार के पैनल में शामिल निजी अस्पताल में भी इलाज कराया जा सकेगा

  1. जनपद स्तरीय चिकित्सालय- 2 (जिला पुरूष एवं महिला चिकित्सालय उरई )
  2. सामु0स्वा0केन्द्रो की संख्या- 7
  3. प्रा0स्वा0केन्द्रो की संख्या- 35
  4. जनपद स्तरीय अन्य क्षयरोग नियन्त्रण इकाई-1
  5. जनपद स्तरीय कुष्ठ नियत्रण इकाई -1

 

जिला संगठनात्मक संरचना